The Ultimate Guide To Shodashi
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Kadi mantras are regarded as by far the most pure and are sometimes utilized for increased spiritual methods. These are linked to the Sri Chakra and therefore are believed to convey about divine blessings and enlightenment.
कर्तुं श्रीललिताङ्ग-रक्षण-विधिं लावण्य-पूर्णां तनूं
देयान्मे शुभवस्त्रा करचलवलया वल्लकीं वादयन्ती ॥१॥
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Her variety is alleged to be probably the most wonderful in many of the 3 worlds, a natural beauty that's not just physical but in addition embodies the spiritual radiance of supreme consciousness. She is usually depicted to be a resplendent sixteen-year-old Woman, symbolizing Everlasting youth and vigor.
The Mahavidya Shodashi Mantra is usually a strong tool for anyone looking for harmony in particular associations, Resourceful inspiration, and steerage in spiritual pursuits. Common chanting fosters emotional therapeutic, enhances instinct, and will help devotees accessibility greater knowledge.
षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी का जो स्वरूप है, वह अत्यन्त ही गूढ़मय है। जिस महामुद्रा में भगवान शिव की नाभि से निकले कमल दल पर विराजमान हैं, वे मुद्राएं उनकी कलाओं को प्रदर्शित करती हैं और जिससे उनके कार्यों की और उनकी अपने भक्तों के प्रति जो भावना है, उसका सूक्ष्म विवेचन स्पष्ट होता है।
॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥
भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस more info चराचर जगत की सृष्टि करती है।
देवस्नपनं उत्तरवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि
देव्यास्त्वखण्डरूपायाः स्तवनं तव तद्यतः ॥१३॥
सर्वोत्कृष्ट-वपुर्धराभिरभितो देवी समाभिर्जगत्
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में
साम्राज्ञी सा मदीया मदगजगमना दीर्घमायुस्तनोतु ॥४॥